हम चाहते ही नहीं महोब्ब्त हो जाए


करोगी महोब्ब्त तो चेहरे पर उदासी छाएगी

जो छाएगी उदासी तो फिर नीद ना आएगी

नीद ना तो चेहरे पर असर आएगा

चेहरे असर आएगा तो नजरे चुराओगी

फिर जाने कब तलक हमसे मिलने ना आओगी 

तू हमसे मिलने ना आए ऐसी नोबत ही क्यो आए

हम चाहते ही नहीं महोब्ब्त हो जाए

                     
                       


करोगी महोब्बत तो कुछ यू महोब्ब्त होगी

कभी शक होगा मुझ पर कभी शिकायत होगी

जिनसे वास्ता नहीं उनसे अदावत होगी

शहर से नफरत दुनिया से बगावत होगी

हम शह जाएगे तुम ना शह पाओगी

कैसे जमाने के शीतम उठाओगी

समझाएगे घरवाले तो मुझसे खफा हो जाओगी

मै तन्हा रह जाऊंगा तुम बेवफा हो जाओगी

तुम हो बेवफा ऐसी नोबत ही क्यो आए 

हम चाहते ही नहीं महोब्ब्त हो जाए

                   
                           


करोगी महोब्ब्त तो रोज मुलाकत होगी

वक्त जाया होगा फिजूल बात होगी

शाम ताने देगे कुछ लोग घर पाहुचते-2 रात होगी

पुछेगे घरवाले तो क्या बताओगी

झूठ बोलोगी या चुप हो जाओगी

सोचकर दिन की बातों को मुस्कुराओगी रात भर

नींद ना आएगी तुमको जागोगी रात भर  

चिदचिड़ी हो जाओगी जब दोस्त चिड़ाएगे

मेरा नाम लेकर लोग तुझे बुलाएगे

इन हरकतों से एक दिन उकता जाओगी

हमे पत्थर की तरह एक दिन ठुकरा जाओगी

तुम ठुकराओ हमे ऐसी नोबत ही क्यो आए

हम चाहते ही नहीं महोब्ब्त हो जाए

                           
                               


करोगी महोब्बत तो इजहार भी करना होगा

जमाने से छुपकर प्यार भी करना होगा

तुझको तकने लगगी दुनिया की नजरे

मुझ पर रहने लगगी दुनिया की नजरे

फिर देखना तुम ये समझोता कर लोगी

हमे छोडकर इश्क दूसरा कर लोगी

वो तुम्हें मिल जाएगा तुम खूबसूरत हो

खुवाइश हो सबकी हसीन सूरत हो

आहिस्ता-2 उम्र खफा हो जाएगी

तेरी महोब्बत भी फिर बेवफा हो जाएगी

उसके बात करने का डंग बदल जाएगा

तेरी जुल्फों का जब रंग बदल जाएगा

याद फिर हमे पछताओगी बहुत

सदाए दोगी चिखोगी चिल्लाओगी बहुत

बिताने आओगी जिन्दगी का किनारा हमरी साथ

जवानी किसी के साथ बुढ़ापा हमारे साथ

तुम मिलो-2 बुढ़ापे मे ऐसी नोबत ही क्यो आए

हम चाहते ही नहीं महोब्ब्त हो जाए

                                       
                                       


करोगी महोब्बत तो घर भी छोडना होगा

तुम्हारे साथ ये शहर भी छोडना होगा

टूट जाएगा फिर घरवालो से रिश्ता

माँ के हाथो से निवालो का रिश्ता

अंजान शहर मे बुखार भी मर जाएगा

भूख लगगी तो प्यार भी मर जाएगा 

बुलाएगे घरवाले तो तुम घर लौट जाओगी

हम पर आएगा तुझे बहकाने का इंजाम

लड़की पर नहीं आता भागने का इल्जाम

फस जाएगे फिर हम जमाने के चक्कर मे

जवानी निकल जाएगी ठाणे के चक्कर मे

अपने ब्यान से तू फिर मुकर जाएगी

मेरी जिन्दगी जेल मे कट जाएगा 

म्र गुजरे जेल मे ऐसी नोबत ही क्यो आए

हम चाहते ही नहीं महोब्ब्त